नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7647981711 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , छत्तीसगढ़ से उठी भारत की नई प्रभात : रजत जयंती के उत्सव में विकास, संस्कृति और आत्मविश्वास का संगम – Anjor Chhattisgarh News

Anjor Chhattisgarh News

सच की तह तक

छत्तीसगढ़ से उठी भारत की नई प्रभात : रजत जयंती के उत्सव में विकास, संस्कृति और आत्मविश्वास का संगम

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

रायपुर छत्तीसगढ़

By ACGN 7647981711, 9303948009


भारत के हृदय में स्थित छत्तीसगढ़ ने जब अपनी स्थापना के पच्चीस वर्ष पूरे किए, तब नवा रायपुर का राज्योत्सव मैदान केवल एक राज्य का उत्सव स्थल नहीं था, बल्कि वह भारत की लोकतांत्रिक चेतना और आत्मविश्वास का प्रतीक बन गया था।

एक नवोदित राज्य से विकसित राज्य बनने की यह यात्रा उस सपने का विस्तार थी, जिसे दो दशक पूर्व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने आकार दिया था और जिसका साकार रूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में इस रजत जयंती समारोह में देखने को मिला।

नवा रायपुर की सुबह जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से उजली, पूरा राज्य उत्सव की भावनाओं में डूब गया। उन्होंने मंच पर आते ही सबसे पहले छत्तीसगढ़ की मातृशक्तियों — माँ दंतेश्वरी, माँ महामाया, माँ बम्लेश्वरी और छत्तीसगढ़ महतारी — को प्रणाम किया। यह क्षण श्रद्धा और संकल्प का संगम था, जहाँ भारतीय संस्कृति की आत्मा आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के साथ एकाकार होती दिखी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, तब उनके मन में एक ऐसे प्रदेश का सपना था जो प्राकृतिक संसाधनों, जनजातीय परंपराओं और श्रमशील जनता की ताकत से भारत के विकास की नई कहानी लिखेगा। आज वही सपना साकार होता दिख रहा है। बीते पच्चीस वर्षों में छत्तीसगढ़ ने अभाव से अवसर, हिंसा से विश्वास और पिछड़ेपन से प्रगति की दिशा में अद्भुत छलांग लगाई है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अब केवल खनिज संपदा का राज्य नहीं, बल्कि मानव संपदा और आत्मबल का प्रतीक बन गया है। जिन इलाकों में कभी सड़कों की कल्पना भी कठिन थी, आज वहाँ चालीस हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें चमकती हैं। जिन गाँवों में कभी नक्सलवाद की गूंज थी, वहाँ आज खेलकूद और लोककला के उत्सव होते हैं। यह परिवर्तन शासन के संकल्प से नहीं, बल्कि जनता के आत्मविश्वास से संभव हुआ है।

प्रधानमंत्री ने जनता से अपील की कि वे अपने मोबाइल की रोशनी जलाएं — देखते ही देखते पूरा मैदान हजारों दीपों से जगमगा उठा। उन्होंने कहा, “यह रोशनी अगले पच्चीस वर्षों की सुबह है, यह छत्तीसगढ़ की सामूहिक ऊर्जा और भारत के नवउदय की प्रतीक है।” वह दृश्य केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं था, बल्कि भविष्य के भारत की एक भावनात्मक झलक थी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने 14,260 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें सड़कों, उद्योगों, रेल और ऊर्जा परियोजनाओं से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास की योजनाएँ शामिल थीं। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में छत्तीसगढ़ ने औद्योगिक प्रगति और सामाजिक न्याय को साथ लेकर चलने की मिसाल पेश की है। अब राज्य ‘विकसित भारत 2047’ के सपने में निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है।

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से जनजातीय समाज की गौरवगाथा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में वीर नारायण सिंह जैसे जननायकों का योगदान भारत के इतिहास की आत्मा है। इसी भावना के साथ उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया — एक ऐसा स्मारक जो जंगलों और पहाड़ों में लड़े गए अनकहे संघर्षों को इतिहास की पंक्तियों में स्थायी स्थान देगा। यह संग्रहालय केवल अतीत का स्मरण नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वाभिमान और प्रेरणा का केंद्र है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वह समय अब बीत चुका है जब जनजातीय समाज को हाशिये पर रखा गया था। आज देश उनकी विरासत को गर्व से सम्मानित कर रहा है — चाहे वह जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन हो, वन धन केंद्रों की स्थापना हो या प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार का प्रसार।

उन्होंने माओवाद के दर्दनाक अतीत का उल्लेख करते हुए कहा कि जिन जंगलों में कभी गोलियों की आवाज़ गूंजती थी, वहाँ आज विकास की गूंज सुनाई देती है। उन्होंने भावनात्मक स्वर में कहा — “जहाँ कभी डर था, वहाँ आज उत्सव है; जहाँ लाल झंडा था, वहाँ अब तिरंगा लहराता है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ पूर्णतः माओवाद मुक्त होकर भारत के विकास मानचित्र में सबसे उज्ज्वल बिंदु बनेगा।

राज्योत्सव परिसर में लगे भव्य प्रदर्शनी पवेलियन में प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी देखी। यह प्रदर्शनी केवल योजनाओं का प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा का जीवंत दस्तावेज़ थी — स्वास्थ्य से लेकर खनिज, शिक्षा से लेकर महिला सशक्तिकरण तक हर क्षेत्र में राज्य के नवाचार की कहानी वहाँ सजीव दिखाई दी।


समारोह के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने जिस एकता और परिश्रम से अपने राज्य को गढ़ा है, वही भारत की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा “छत्तीसगढ़ अब केवल भारत का हिस्सा नहीं, बल्कि भारत का भविष्य है।”नवा रायपुर की उस ऐतिहासिक संध्या में जब हजारों दीपकों की रोशनी, आधुनिक विधानसभा की भव्यता और जनमानस की आस्था एक साथ चमक रही थी, तब यह स्पष्ट हो गया था कि भारत की नई प्रभात अब छत्तीसगढ़ से ही उदित हो रही है  एक ऐसी प्रभात जो विकास, समरसता और आत्मविश्वास के उजाले से पूरे राष्ट्र को आलोकित करेगी।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now