ओडिशा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जीपीएम पुलिस की बड़ी सफलता: गांजा सप्लायर गिरफ्तार, 105 किलो गांजा तस्करी का पर्दाफाश
😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
|
जी पी एम छत्तीसगढ़
By Pradeep Mishra 7647981711
GPM // छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए पुलिस प्रशासन की मुहिम को एक और बड़ी सफलता मिली है। बिलासपुर रेंज की जीपीएम पुलिस ने ओडिशा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से एक सक्रिय गांजा सप्लायर को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी पूर्व में दर्ज 105 किलो गांजा तस्करी के मामले की जांच के दौरान हुई।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में एसपी और कलेक्टर्स की कांफ्रेंस में मादक पदार्थों की तस्करी पर सख्त कार्रवाई और तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने पर जोर दिया था। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप, बिलासपुर रेंज के आईजीपी डॉ. संजीव शुक्ला और जीपीएम पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता के मार्गदर्शन में लगातार कार्रवाई की जा रही है।
सितंबर में हुई थी बड़ी तस्करी का खुलासा
सितंबर 2024 में थाना गौरेला के पीपरखूंटी-खोंगसरा रोड पर पुलिस ने एक अभियान के दौरान दो अलग-अलग वाहनों से कुल 105 किलो गांजा बरामद किया था। इस प्रकरण में तीन आरोपी बनवारी लाल गुप्ता उर्फ पिंटू, रोहित गुप्ता, और अंकुर जैतवार को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके अलावा, चौथे फरार आरोपी गोपाल पनिका को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।
बैकवर्ड लिंक से पहुंचे सप्लायर तक
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ और तकनीकी जांच के बाद पुलिस को ओडिशा के जिला बौध निवासी सक्रिय गांजा सप्लायर अजीत राणा के बारे में जानकारी मिली। अजीत राणा लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गांजा की आपूर्ति कर रहा था। जीपीएम एसपी भावना गुप्ता के निर्देशन में, साइबर सेल और थाना गौरेला की संयुक्त टीम ने ओडिशा पुलिस की मदद से ग्राम सिलेतपाड़ा (जिला बौध) में दबिश देकर अजीत राणा को गिरफ्तार किया।
आरोपी के गिरफ्तारी के साथ-साथ, प्रकरण की फाइनेंशियल जांच की जा रही है और आरोपियों की संपत्तियों का चिन्हांकन भी हो रहा है। पुलिस ने इस वर्ष अब तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 8 प्रकरण दर्ज किए हैं, जिसमें कुल 26 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इस दौरान 5.5 क्विंटल गांजा, 6 कारें और 2 मोटरसाइकिल जब्त की गई हैं।
आरोपी के गिरफ्तारी और जांच में डीएसपी साइबर दीपक मिश्रा, उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव, एएसआई विष्णु प्रसाद साहू और मनोज हनोतिया, प्रधान आरक्षक रामकृष्ण मिश्रा, तथा साइबर सेल आरक्षक हर्ष गहरवार की विशेष भूमिका रही।
पुलिस अधीक्षक ने की सराहना
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने इस सफल कार्रवाई के लिए टीम को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
जीपीएम पुलिस की इस कार्रवाई से न केवल मादक पदार्थों की तस्करी पर कड़ा प्रहार हुआ है, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय आपराधिक नेटवर्क पर भी शिकंजा कसा गया है। यह कदम राज्य में नशीले पदार्थों के प्रवाह को रोकने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space