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सच की तह तक

प्रबंधन की उदासीनता और ठेकेदारों की मनमानी से ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ फसलों को हो रहा राख से नुकसान

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कोरबा छत्तीसगढ़


By Pradeep Mishra 7647981711


कोरबा जिले के पश्चिमी क्षेत्र स्थित हसदेव थर्मल पावर  प्लांट से उत्सर्जित राखड को पाइपलाइन के जरिए झाबु नवागांव राखड़ डेम तक पहुंचाया जाता है

राखड़ डेम के पाइपलाइन के रखरखाव हेतु स्याहीमुड़ी से नवागांव पुल तक सर्विस रोड बनाई गई है पाइपलाइन के एक तरफ नहर और दूसरी तरफ ग्रामीणों के खेत है  राखड पाइपलाइन लीकेज होने की वजह से राख पानी नहर में भी बहता है और नहर के जरिए हसदेव नदी के जल को भी प्रदूषित करता है साथ ही आसपास सड़क में रखड़ पड़ी रहती है जो सुख कर हवा में उड़ती है जिससे पास के खेतों में लगी फसलों को काफी नुकसान होता है

ग्रामीणों का कहना है कि नवागांव से स्याहीमुड़ी, दर्री, जेलगांव चौक जाने हेतु यह सड़क शॉर्टकट पड़ती है जिससे वह गुजरते हैं और स्कूली बच्चे भी इसी सड़क से पैदल आना जाना करते है सड़क पर राखड पड़े होने की वजह से स्कूली बच्चों के गणवेश भी गंदे होते हैं और हवा में राखड़ उड़ने से उनके स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है

और यह उड़कर जब खेतों और फसलों में जाती है तो फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचता है, जबकि पाइप लाइन फटने से सड़को और आसपास काफी राख फैल जाती है और कभी कभी खेतों में भी भर जाता है जिसे प्रबंधन के ठेकेदार द्वारा उठाकर उस क्षेत्र को साफ कर फेकना होता है, पर ठेकेदार की मनमानी और प्रबंधन की उदासीनता के कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है

ग्रामीणों ने बताया कि अभी उनके खेतों में फसले लगी हुई है, और सड़क पर राखड भी पड़ी हुई है जो उस कर हमारे फसलों को नुकसान कर रही है हमारे द्वारा सड़क में पड़ी राखड को हटाने के लिए कई बार प्रबंधन को कहा गया परंतु प्रबंधन इस और ध्यान नहीं देता , ग्रामीणों ने बताया कि हमारे द्वारा राखड डेम से उड़ने वाले राख से तो परेशान हैं ही साथ ही अब सड़कों पर पड़ी राखड़ भी परेशानी बनती जा रही है

आखिर क्या कारण है कि प्रबंधन और ठेकेदार अपनी मनमर्जी का कार्य करते हैं जिससे आम जनता को समस्याएं उठानी पड़ रही है पर्यावरण विभाग भी इस और ध्यान नहीं देता

फिलहाल प्रबंधन की मनमानी से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं देखना यह है है कि प्रबंधन कब इस राख को कब तक हटाता है

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