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सच की तह तक

मोदी सरकार का बड़ा ऐलान लाल कृष्ण आडवाणी को मिलेगा देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न, भारत रत्न से सम्मानित होने पर क्या था लाल कृष्ण आडवाणी का पहला रिएक्शन

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  1. दिल्ली

ByPradeepMishra7647981711


आज मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया है

मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी दी है नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ऐलान किया कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में शामिल आडवाणी का भारत के विकास में महान योगदान रहा है पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे में से एक थे आंदोलन को गति देने का श्रेय इन्हीं को जाता है ऐसे में मोदी सरकार का यह फैसला उन्हें आंदोलन के तोहफे के तौर पर देखा जा सकता है

देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया X  हैंडल दी जानकारी 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया X  हैंडल एक पर लिखा  कि श्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा

उन्होंने कहा मैंने खुद उनसे बात करके बधाई दी है भारत के विकास में उनका योगदान बहुमूल्य है, उन्होंने  देश में जमीन पर काम करके सेवा की और देश के उप प्रधानमंत्री बने, उन्होंने गृहमंत्री और सूचना प्रसारण मंत्री के तौर पर भी देश की सेवा की है उन्होंने संसदीय योगदान हमेशा याद किया जाएगा पीएम मोदी ने कहा आडवाणी जी ने दशकों तक देश के लोगों की सेवा की एकता और पारदर्शिता और राजनीतिक नैतिकता के मामले में उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत किए उन्हें भारत रत्न दिया जाना एक बेहद भाव पाल है मैं अपने आप को सौभाग्य शाली मानता हूं कि मुझे सानिध्य में उनके सानिध्य में काम करने का मौका मिला मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है मैंने खुद उनसे बात करके बधाई दी है भारत के विकास में उनका योगदान बहुमूल्य है

कैसा था देश लौहपुरुष श्री लालकृष्ण आडवाणी का जीवन 

भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने का श्रेय जाता है जिन नामो को जाता है उनमें सबसे आगे की पंक्ति का नाम है लालकृष्ण आडवाणी। लालकृष्ण आडवाणी कभी पार्टी के कर्णधार कहे गए, कभी लौह पुरुष और कभी पार्टी का असली चेहरा कुल मिलाकर पार्टी के आजतक के इतिहास का अहम अध्याय हैं लालकृष्ण आडवाणी

इनका जन्म 8 नवम्बर 1927 को करांची, ब्रिटिश भारत, वर्तमान पाकिस्तान में लालकृष्ण आडवाणी का जन्म हुआ था। उनके पिता श्री के डी आडवाणी और माँ ज्ञानी आडवाणी थीं।वे  विभाजन के बाद पुरे परिवार के साथ भारत आ गए थे,  आडवाणी का विवाह  25 फ़रवरी 1965 को ‘कमला आडवाणी’ से हुआ  आडवाणी के दो बच्चे एक पुत्र और एक पुत्री  हैं।

श्री आडवाणी की प्रारंभिक शिक्षा लाहौर में हुई पर भारत आकर उन्होंने मुम्बई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ में स्नातक किया। आज वे भारतीय राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। गांधी के बाद वो दूसरे जननायक हैं जिन्होंने हिन्दू आन्दोलन का नेतृत्व किया और पहली बार बीजेपी की सरकार बनावाई। आज भी  लोग हिन्दुओं में नई चेतना का सूत्रपात करने वाले आडवाणी में नब्बे के दशक का आडवाणी ढूंढ रहे हैं आडवाणी अपनी जिस आक्रामकता के लिए जाने जाते थे,  आज वे उस छवि के ठीक विपरीत  समझौतावादी नज़र आते हैं। आडवानी हमेशा किसी ना किसी कारणों से हमेशा सुर्ख़ियों में बने रहे वे अपनी बेबाक बयानबाज़ी की वजह से हमेशा चर्चित रहे,अपनी किताब और ब्लॉग से भी वो चर्चा में आए कई बार तो बयानबाजी की वजह से आलोचना भी हुई

राम रथ यात्रा निकाल कर और हिन्दू ह्रदय सम्राट कहलाये 

 

 

आडवानी जी ने  1990 के दशक में राम मन्दिर आन्दोलन के दौरान उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली। इस दौरान हालांकि यह यात्रा अयोध्या तक नही पहुँच पाई थी बिच में ही बिहार के समस्ती पुर में आडवाणी जी को आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया पर इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद और बड़ा हो गया।इस रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुँचा दिया था।रथ यात्रा करने के बाद उनकी पहचान हिंदू हृदय सम्राट के रूप में भी बनी, वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल है और इसी रथ यात्रा के परिणाम स्वरूप भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार १९९१ कल्याण सिंह के नेतृतव में सरकार बनाई थी

श्री लालकृष्ण आडवाणी  राजनैतिक जीवन

वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की। तब से लेकर सन 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे। 1970 से 72 तक वह जन संघर्ष जनसंख्या इकाई के अध्यक्ष रहे वर्ष 1973 से 1977 तक आडवाणी ने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का दायित्व सम्भाला।वर्ष 1977 से 1979 तक पहली बार मोरारजी देसाई की केन्द्रीय सरकार में कैबिनेट मन्त्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने  सूचना प्रसारण मन्त्री का दायित्व सम्भाला।  वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे। भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने सम्भाला,1989 में पहली बार वह लोकसभा पहुंचे, 1989 में पहली बार वह लोकसभा पहुंचे, इसके बाद 1991 1998 1999 2004 और 2009 2014 में वह गुजरात के गांधीनगर सीट से लोकसभा सांसद रहे ,

लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्रीय गृहमन्त्री बने और फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमन्त्री पद का दायित्व भी सौंपा गया एनडीए शासनकाल अटल की सरकार में 2002 से 2005 तक उन्होंने उप प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाली।

भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में आडवाणी अपनी भूमिका के लिए कभी सराहे गए तो कभी पुरस्कृत भी किए गए।जनवरी 2008 में राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन ने लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लड़ने तथा जीत होने पर उन्हें प्रधानमन्त्री बनाने की घोषणा की थी।

आडवाणी ने अभी तक के राजनीतिक जीवन में सत्ता का जो सर्वोच्च पद सम्भाला है वह है अटल की सरकार में 2002 से 2005 तक उन्होंने उप प्रधानमंत्री का पद,  1996 में सरकार बनने के बाद ऐसा भी माना जा रहा था कि वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं हालांकि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई के नाम को शहर से स्वीकार किया वह उसे वक्त बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे उन्होंने अपने जीवन में त्याग और बड़प्पन के कई उदाहरण प्रस्तुत किए हैं लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के एकमात्र से नेता हैं जिन्होंने तीन बार पार्टी की कमान संभाली पार्टी के गठन के बाद से उन्होंने भाजपा के लिए बहुत कार्य किया वह तीन बार भाजपा के अध्यक्ष बने लगभग 50 साल तक वह राजनीति में रहे और अटल बिहारी वाजपेई के साथ नंबर दो की हैसियत पर बने रहे, आडवाणी जी  पुस्तकें, संगीत और सिनेमा में विशेष रुचि रखते हैं। और भाजपाई आज उन्हें भाजपा का लौहपुरुष पितामह जैसे सम्मान से सम्मानित करते है

भारत रत्न मिलने पर भावुक हुए लालकृष्ण आडवाणी आंखों में आ गए आंसू

इसके पूर्व 2015 में पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया है 

लालकृष्ण आडवाणी ने हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन किया इस दौरान उनकी आंखों में आंसू और दिखे और वह भाव विभोर हो गए और प्रधानमंत्री मोदी का और देश के लोगों को इतने बड़े पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा आज मुझे इतना बड़ा सम्मान देने के लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूँ

जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने एक हैंडल में भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया आडवाणी के परिवार ने इस पर खुशी जताई और पीएम मोदी को धन्यवाद किया इस दौरान लाल कृष्ण आडवाणी की बेटी प्रतिभा आडवाणी को दिल्ली में उनके आवास पर आडवाणी के साथ बैठे हुए देखा गया और उन्होंने अपने पिता को लड्डू देकर बधाई दी,


लालकृष्ण आडवाणी की पुत्री प्रतिभा आडवाणी कहा की , “मुझे और पूरे परिवार को बहुत खुशी है. निश्चित ही आज मुझे जिसकी सबसे ज्यादा याद आ रही है वो मेरी मां हैं, जिनका दादा (लालकृष्ण आडवाणी) के जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है.

प्रतिभा आडवाणी बताया कि भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की जानकारी जब ‘मैंने  दादा (लाल कृष्ण आडवाणी) को बताया तो वे बहुत खुश थे. उन्होंने यही बात कही कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया और देश के शुक्रगुजार हैं.’ प्रतिभा ने कहा कि वह जीवन भर में बहुत कम बोलने वाले इंसान रहे हैं लेकिन स्वाभाविक सी बात है कि उनकी आंखों में आंसू थे. मैं मानती हूं कि उनके जीवन के इस पड़ाव पर इस तरह के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाना बहुत बड़ी बात है.

प्रतिभा आडवाणी बताया कि उन्होंने पीएम मोदी और देश के लोगों को इतने बड़े पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए धन्यवाद किया है आडवाणी की बेटी ने कहा वह बहुत अभिभूत है वह कम बोलने वाले व्यक्तियों में से हैं लेकिन उनकी आंखों में आंसू थे २२ जनवरी को भी वे अयोध्या राम मंदिर में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के समय भी वे बहुत खुश थे मंदिर का निर्माण और प्रभु का स्थान  उनके जीवन का एक ऐसा सपना था जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन में काफी  संघर्ष किया और लंबे समय तक काम किया उनका व्यक्तित्व ऐसा है कि जब कोई उनकी तारीफ करता है तो उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं

लालकृष्ण आडवाणी के बेटे जयंत आडवाणी ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि उनके जीवन के इस पड़ाव पर उनके प्रयासों को इस शानदार तरीके से सम्मान  मिल रहा  है जयंत ने कहा कि मैं और मेरा परिवार इससे बेहद खुश है मैं मेरे पिता को यह पुरस्कार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं सार्वजनिक जीवन में मेरे पिता का योगदान बहुत बड़ा रहा और यह देखना अद्भुत है कि इस स्तर पर उनके जीवन में उनके प्रयासों को इस शानदार तरीके से पहचाना जा रहा है

पीएम से बात कर आंखों में आ गए थे आंसू

प्रतिभा ने बताया कि भारत रत्न की घोषणा के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात की तो वह बहुत भावुक हो गए थे. उनकी आंखों में आंसू आ गए थे. प्रतिभा कहती हैं, “आडवाणी जी बहुत भावुक हैं. जब वह तिरंगे को नमन करते हैं तब भी उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. उनकी कोई सराहना करता है तब भी उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. जब देश की कोई बात आती है तब भी बहुत भावुक हो जाते हैं.”

अटल बिहारी वाजपेयी और दीनदयाल उपाध्याय को भी किया याद

प्रतिभा ने यह भी बताया कि इस मौके पर उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय (जनसंख्या के संस्थापक) और अटल बिहारी वाजपेयी ( दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री) को भी याद किया. प्रतिभा ने बताया कि उनकी मां (प्रतिभा की) को भी आडवाणी की याद कर रहे थे, क्योंकि उन्होंने उनके पारिवारिक जीवन और राजनीतिक संघर्ष में हमेशा साथ दिया था.

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त की

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा आडवाणी जी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का निर्णय करोड़ों देशवासियों का भी सम्मान है

आडवाणी जी आजीवन निःस्वार्थ भाव से देश और देशवासियों की सेवा में समर्पित रहे हैं

अपने लम्बे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने देश, संस्कृति और जनता से जुड़े मुद्दों के लिए अथक संघर्ष किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त की है।

X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में श्री अमित शाह ने कहा कि “हमारे वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की घोषणा से अत्यंत प्रसन्नता हुई। आडवाणी जी आजीवन निःस्वार्थ भाव से देश और देशवासियों की सेवा में समर्पित रहे हैं। देश के उप-प्रधानमंत्री जैसे विभिन्न संवैधानिक दायित्वों पर रहते हुए उन्होंने अपने दृढ़ नेतृत्व से देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता के लिए अभूतपूर्व कार्य किये। आडवाणी जी को भारतीय राजनीति में प्रामाणिकता के मानक तय करने वाले राजनेता के रूप में जाना जाता है। अपने लम्बे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने देश, संस्कृति और जनता से जुड़े मुद्दों के लिए अथक संघर्ष किया। पार्टी और विचारधारा के प्रति उनके विराट योगदान को शब्दों में समाहित नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का निर्णय करोड़ों देशवासियों का भी सम्मान है।“

आज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओ के साथ साथ देश की जनता भी मोदी सरकार का धन्यवाद कर रही है की देश के प्रखर हिंदूवादी नेता  और पार्टी के सबसे बुजुर्ग लौहपुरुष का सरकार ने सम्मान किया

 

 

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