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द.पू.म. रेलवे, जोनल मुख्‍यालय के सभा कक्ष में राजभाषा सम्‍मेलन 2023 एवं काव्‍य संध्‍या का आयोजन

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बिलासपुर/छत्तीसगढ़  – 11 जनवरी, 2023

विश्‍व हिंदी दिवस के अवसर पर नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, बिलासपुर के त्‍तवावधान में  दिनांक 10 जनवरी, 2023 को अपरान्‍ह में दक्षिण पूर्व मध्‍य रेलवे, मुख्‍यालय बिलासपुर के जोनल सभा कक्ष में राजभाषा सम्‍मेलन-2023 एवं ‘काव्‍य संध्‍या’  का सफल आयोजन मुख्‍यालय में किया गया.

व्‍याख्‍यान कार्यक्रम में श्री प्रवीण रंजन भारती, प्रबंधक, एनटीपीसी, बिलासपुर ने ‘संसदीय राजभाषा समिति की प्रश्‍नावली’ विषय पर व्‍याख्‍यान दिया ।

श्री भारती ने प्रेजेंटेशन के माध्‍यम से समिति के सदस्‍यों, संपर्क व्‍यक्तियों, निरीक्षण प्रश्‍नावली, संभावित प्रश्‍न, नाम पट्ट, वाहन, पावती, कार्यक्रम स्‍थल का विवरण इत्‍यादि विषयों के संबंध में विस्‍तारपूर्वक बताया. इसके अलावा उन्‍होंने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रश्‍नों का उत्‍तर देते हुए उनकी शंकाओं का समाधान किया ।

इसी क्रम में अगला व्‍याख्‍यान श्री फूल सिंह लोधी, वरिष्‍ठ अनुवादक हिंदी, बुनियादी तसर रेशम कीट बीज संगठन, बिलासपुर ने ‘वॉइस डिक्‍टेशन एवं स्‍पीच टेक्‍सटर का प्रयोग’ विषय पर दिया. उन्‍होनें कार्यालयों में टंकण कार्य को सरल बनाने हेतु प्रतिभागियों को गूगल पर ऑनलाइन वॉइस डिक्‍टेशन सुविधा का प्रयोग करते हुए वर्ड फाइल पर टाईपिंग करने के तरीके का प्रदर्शन किया एवं माइक्रोफोन पर डिक्‍टेशन तथा स्‍पीच टेक्‍सटर ऑपशन का प्रयोग करना सिखाया.

नराकास बिलासपुर के विभिन्‍न सदस्‍य कार्यालयों के 40 से अधिक अधिकारियों/कर्मचारियों ने इस व्‍याख्‍यान में भाग लिया और इस अवसर पर साझा किए गए विषयों से लाभान्वित हुए ।

राजभाषा व्‍याख्‍यान कार्यक्रम के पश्‍चात लघु ‘काव्‍य संध्‍या’ आयोजित की गई जिसमें मुख्‍य अतिथि श्री भवानी शंकर नाथ, उप महानिरीक्षक एवं मुख्‍य सुरक्षा आयुक्‍त, रेलवे सुरक्षा बल, विशिष्‍ट अतिथि‍ श्री साकेत रंजन, मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी, श्री हरिराम, मुख्‍य विद्युत इंजीनियर (ईईएम) एवं विशेष अतिथि श्री संतोष कुमार, वरिष्‍ठ जनसंपर्क अधिकारी, बिलासपुर रहे. छत्‍तीसगढ़ की इस्‍पात नगरी भिलाई से हिंदी के गीतकार एवं कवि श्री किशोर कुमार तिवारी, बिलार्इगढ़ से छत्‍तीसगढ़ी एवं हिंदी के श्रेष्‍ठ हास्‍य कवि श्री बंशीधर मिश्रा, भाटापारा से लेखिका एवं कवयित्री सुश्री अन्‍नपूर्णा पवार ‘आहुति’, राजभाषा के प्रयोग एवं प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लेखक एवं स्‍तंभकार श्री साकेत रंजन, राष्‍ट्रीय एवं स्‍थानीय पुरस्‍कारों से स‍म्‍मानित, दक्षिण पूर्व मध्‍य रेलवे के विद्युत विभाग में कार्यरत कवि एवं लेखक श्री राम रतन नाई, एवं सामाजिक सरोकार के कार्यों से जुडे द.पू.म.रे, बिलासपुर में लोको पायलट पद पर कार्यरत कवि एवं लेखक श्री राकेश कुमार श्रीवास ‘पथिक’ ने शिरकत की. इस अवसर पर राजभाषा हिंदी की महत्‍ता, जन-जन के जीवन में इसका कल्‍याणकारी प्रभाव, हिंदी की महिमा, भाषा की प्रकृति एवं विशेषताओं से संबंधित ओज से भरपूर कविताएं, प्रेम व हास्‍य रस की कविताएं पढ़ी गईं जिसका श्रोताओं ने भरपूर आनंद लिया ।  

                 

 इस कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि डॉ. भवानी शंकर नाथ ने आमंत्रित कवियों द्वारा प्रस्‍तुत रचनाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन एक अनोखा एवं बेहतरीन आयोजन है, कविताएं सुनकर काफी आनंद हुआ, उन्‍होंने कबीर, बिहारी एवं जयशंकर प्रसाद की रचनाओं का जिक्र करते हुए काव्‍य सृजन की उत्‍कृष्‍टता का उदाहरण दिया । श्री साकेत रंजन ने अपनी रचना प्रस्‍तुत की और भारतेंदु हरिश्‍चंद्र की पंक्ति ‘निज भाषा उन्‍नति अहै, सब भाषा को मूल, बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटै न हिय के शूल.’ का उल्‍लेख करते हुए विश्‍व हिंदी दिवस मनाने की महत्‍ता पर बल दिया । उन्‍होंने अपने वक्‍तव्‍य में कहा कि भाषा नदी की अविरल धारा की भांति निरंतर बहते रहती है, यह विशेषता हिंदी में है और इसमें विभिन्‍न भाषा एवं संस्‍कृति को साथ लेकर चलने की क्षमता है. हिंदी में देशज एवं विदेशी भाषाओं के शब्‍दों को समाहित कर लेने की विशेषता है. उन्‍होंने हिंदी साहित्‍य के विभिन्‍न काल खंडों के मूर्धन्‍य साहित्‍यकारों की रचनाओं का स्‍मरण करते हुए ‘काव्‍य संध्‍या’ को सार्थक बनाया. इस अवसर पर श्री संतोष कुमार ने हिंदी भाषा के संबंध में कहा कि यह आयोजन भाषा को संजोकर रखने एवं इसके उत्‍तरोत्‍तर प्रयोग बढ़ाने के लिए एक सुंदर प्रयास है. हमारे देश में अपनी धरोहर को संरक्षित करने की परंपरा बढ़ नहीं पायी, इसमें हम पीछे हैं. हर दौर में बहुत से साहित्‍यकारों ने अच्‍छा प्रयास किया है. रचनाओं को संरक्षित एवं संग्रहित कर हम हिंदी साहित्‍य को समृद्ध कर सकते हैं । 

राजभाषा सम्‍मेलन 2023 एवं ‘काव्‍य संध्‍या’ समारोह के समापन अवसर पर सभी कवियों को मुख्‍य अतिथि, विशिष्‍ट अतिथि एवं विशेष अतिथि महोदय के करकमलों से स्‍मृति चिह्न प्रदान कर सम्‍मानित किया गया । वरिष्‍ठ राजभाषा अधिकारी श्री विक्रम सिंह, ने साहित्यिक रचना क्षेत्र में निरंतर योगदान देने, राजभाषा हिंदी के प्रचार- प्रसार एवं प्रगति हेतु कार्य करने तथा राजभाषा संबंधी कार्यक्रमों को सफल बनाने हेतु प्रदान किये जाने वाले अनवरत सहयोग के लिए समारोह में उपस्थित अतिथियों, कविगणों, नराकास, बिलासपुर एवं दक्षिण पूर्व मध्‍य रेलवे, मुख्‍यालय बिलासपुर के समस्‍त अधिकारियों  एवं कर्मचारियों के प्रति आभार व्‍यक्‍त करते हुए धन्‍यवाद ज्ञापित किया । ‘काव्‍य संध्‍या का संचालन श्री राकेश कुमार श्रीवास ‘पथिक’ ने किया ।

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