कोरबा पुलिस की सख्त कार्रवाई: 24 घंटे में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के 7 रिकवरी एजेंट गिरफ्तार
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कोरबा छत्तीसगढ़
By ACGN 7647981711
कोरबा में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के रिकवरी एजेंटों द्वारा निवेशकों को डराने-धमकाने और गाली-गलौज करने की घटनाओं पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर सात मामलों में अपराध दर्ज किया है और संबंधित एजेंटों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी और अति पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान के मार्गदर्शन में सभी थाना और चौकी प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा की जा रही जबरन वसूली की घटनाओं पर सख्ती से कार्रवाई की जाए।
फ्लोरामैक्स सहित विभिन्न स्थानों से निवेशकों ने शिकायत की थी कि माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के रिकवरी एजेंट उन्हें गाली-गलौज कर और धमकाकर पैसे की जबरन वसूली कर रहे हैं। शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए पुलिस ने सात अलग-अलग स्थानों पर मामले दर्ज किए और दोषी एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी और अपराधों का विवरण
पुलिस की कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए रिकवरी एजेंटों में विभिन्न माइक्रोफाइनेंस कंपनियों से जुड़े व्यक्ति शामिल हैं। इनमें पाली, उरगा, कटघोरा, रजगामार और करतला थानों में मामले दर्ज किए गए हैं।
पाली थाना क्षेत्र में सेटिंग बैंक से जुड़े धरमराज निर्मलकर को गिरफ्तार किया गया, जो सारधा गांव निवासी हैं।
कटघोरा क्षेत्र में इस्पंदना बैंक के रिकवरी एजेंट प्रताप रुद्र शरण को पकड़ा गया, जो नैला के रहने वाले हैं।
रजगामार चौकी क्षेत्र में स्वमान बैंक और अन्य माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के एजेंटों, सरस्वती सारथी,किशोर कुमार, भवानी और अभिषेक कुमार को गिरफ्तार किया गया।
उरगा थाना क्षेत्र में रताकर माइक्रोफाइनेंस और संग्रहण माइक्रोफाइनेंस से जुड़े हीरेन्द्र साहू और मनहरण साहू पर कार्रवाई की गई।
करतला में स्पंदना बैंक से जुड़े हेमंत चंद्रा और जयंती शर्मा को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने स्पष्ट किया है कि माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा निवेशकों को परेशान करने की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी थाना प्रभारियों को इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखनी होगी और निवेशकों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करनी होगी।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एजेंटों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें डराने-धमकाने, गाली-गलौज और जबरन वसूली के आरोप शामिल हैं। सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
निवेशकों के बीच बढ़ा विश्वास
पुलिस की इस कार्रवाई से निवेशकों के बीच राहत और विश्वास का माहौल बना है। लंबे समय से माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के एजेंटों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ यह कार्रवाई निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि ऐसी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।
कोरबा पुलिस द्वारा माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के रिकवरी एजेंटों के खिलाफ की गई कार्रवाई न केवल पीड़ित निवेशकों के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि यह उन कंपनियों के लिए भी एक चेतावनी है जो अपनी गतिविधियों से कानून का उल्लंघन कर रही हैं। पुलिस की सक्रियता और सख्त रुख ने यह संदेश दिया है कि निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए प्रशासन हर संभव कदम उठाएगा।
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