टीचर ने नौकरी छोड़ने का लिखा मजेदार इस्तीफा, बोले- ‘मैं नौकर माइंडसेट से नहीं रहना चाहता’
😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
|
रायपुर छत्तीसगढ़
By ACGN 7647981711
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही (जीपीएम) जिले के मरवाही ब्लॉक के एक शिक्षक सुनील कुमार पटेल का इस्तीफा इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। उनका इस्तीफा न केवल अनोखे अंदाज में लिखा गया, बल्कि इसमें नौकर मानसिकता से दूर होकर स्वतंत्र जीवन जीने की इच्छा को प्रमुखता दी गई।
सुनील कुमार पटेल घुरदेवापारा प्राथमिक शाला में पदस्थ थे और 21 जून 2010 को उन्होंने सरकारी सेवा में प्रवेश किया था। लेकिन नौकरी के शुरुआती वर्षों के बाद से ही वे स्कूल से नदारद रहने लगे। जांच में खुलासा हुआ कि सुनील स्कूल की बजाय हर्बल प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर रहे थे और इससे लाखों रुपये कमा रहे थे।
स्कूल में युवक को पढ़ाने के लिए रखा
सुनील पटेल ने स्कूल में पढ़ाने के लिए अपने स्थान पर एक स्थानीय युवक को रखा हुआ था। बताया गया कि इस युवक को हर महीने 2 से 3 हजार रुपये का भुगतान किया जाता था। विभाग को जब उनकी गैर-हाजिरी की शिकायतें मिलीं, तो कई बार उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई।
सादे पेपर पर लिखा इस्तीफा
शिक्षक ने 27 दिसंबर को एक सादे पेपर पर अपना इस्तीफा लिखा और इसे विकासखंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दिया। मजेदार बात यह रही कि इस्तीफा सौंपते समय सुनील पटेल मिठाई का डिब्बा भी साथ ले गए। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा, “मैं अब आगे नौकरी नहीं करना चाहता। नौकर माइंडसेट से नहीं रहना चाहता। अब मैं स्वयं का मालिक बनकर जीवन जीना चाहता हूं। मैंने यह निर्णय पूरे होश-हवास में और परिवार की सहमति से लिया है।”
सोशल मीडिया पर शेयर किया इस्तीफा
सुनील ने इस्तीफा लिखने के बाद इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। उनका यह अंदाज लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। इस्तीफे में नौकरी छोड़ने का जो कारण उन्होंने बताया, उसने लोगों को हैरान भी किया और हंसाया भी।
विभाग ने क्या कहा?
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जेके शास्त्री ने कहा कि सुनील पटेल की लंबे समय से अनुपस्थिति के चलते उनकी सैलरी रोक दी गई थी और उनके अनुबंध को भी अमान्य कर दिया गया था। शास्त्री ने यह भी कहा कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो स्कूल की बजाय अन्य कार्यों में लिप्त हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सुनील पटेल का इस्तीफा वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने इसे शिक्षक की ईमानदारी बताया, तो कुछ ने इसे सरकारी नौकरी की उपेक्षा के रूप में देखा।
यह घटना न केवल शिक्षा विभाग में हो रहे अनियमितताओं पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कुछ लोग पारंपरिक नौकरी के बंधन से बाहर निकलकर स्वतंत्रता और उद्यमिता का रास्ता चुनना चाहते हैं।
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space