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उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य केंद्रों के विकास पर कलेक्टर अजीत वसंत का विशेष जोर

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कोरबा छत्तीसगढ़


By ACGN 7647981711


जर्जर स्वास्थ्य केंद्र होंगे पुनर्निर्मित, विशेष पिछड़ी जनजाति पंचायतें होंगी टीबी मुक्त

कोरबा, 11 जनवरी 2025। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लक्ष्यों की समीक्षा करते हुए शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने पर जोर देते हुए कई अहम निर्णय लिए।

गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

कलेक्टर ने विशेष रूप से उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनकी समुचित देखरेख सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और फॉलोअप अनिवार्य रूप से किया जाए। मितानिनों को इस कार्य में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए निर्देशित किया गया। कलेक्टर ने शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया।

जर्जर स्वास्थ्य केंद्रों का पुनर्निर्माण

बैठक में जिले के जर्जर प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के पुनर्निर्माण का निर्णय लिया गया। कलेक्टर ने निर्देश दिया कि इन केंद्रों के मरम्मत और नवीनीकरण के प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए एक्स-रे मशीन और ऑपरेटर की आवश्यकता पर जोर दिया।

विशेष पिछड़ी जनजातियों की स्वास्थ्य देखभाल

कलेक्टर ने विशेष पिछड़ी जनजातियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों की स्थापना का निर्देश दिया। पीवीटीजी (विशेष पिछड़ी जनजाति) क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर खून, शुगर, बीपी की जांच और आयुष्मान कार्ड निर्माण जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। टीबी मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कर निक्षय मित्र योजना से जोड़ने और उनका पूरा इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा

कलेक्टर ने कुष्ठ उन्मूलन, टीबी, एड्स, हाइपरटेंशन, अंधत्व निवारण, कृमिनाशक अभियान, और लैब ऑन व्हील्स जैसी योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने सभी योजनाओं का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अधिकारियों को व्यक्तिगत रुचि लेकर काम करने के लिए कहा।

चिरायु योजना और सिकलसेल स्क्रीनिंग

कलेक्टर ने चिरायु योजना के तहत स्कूली और आंगनबाड़ी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। सिकलसेल स्क्रीनिंग और स्क्रीनिंग कार्ड के वितरण को नियमित रूप से संचालित करने पर जोर दिया गया।

डीएमएफ फंड के उपयोग पर निर्देश

डीएमएफ मद से नियुक्त चिकित्सकों के कार्यों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं जैसे साइकिल स्टैंड और अहाता निर्माण को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही, स्वास्थ्य केंद्रों को “कायाकल्प वार्षिक अवार्ड” के लिए तैयार करने पर भी जोर दिया।

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. केशरी सहित सभी कार्यक्रम नोडल अधिकारी, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर और विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने जिले के लेमरू और गढ़ उपरोड़ा स्वास्थ्य केंद्रों की राज्यस्तरीय उपलब्धियों के लिए उनकी टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

यह पहल न केवल जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाएगी बल्कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को भी प्रभावी रूप से कम करेगी।

 

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