खुड़िया जलाशय से लोरमी, मुंगेली और तखतपुर को मिलेगा शुद्ध पेयजल, 202.84 करोड़ की परियोजना मंजूर
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मुंगेली छत्तीसगढ़
By ACGN 7647981711
छत्तीसगढ़ की पहली योजना, तीन शहरों के 17 हजार परिवारों को मिलेगा लाभ, ऐतिहासिक बदलाव की ओर बढ़ते हुए
रायपुर, 9 जनवरी 2025: छत्तीसगढ़ के लोरमी, मुंगेली और तखतपुर शहरों की बरसों पुरानी पेयजल समस्या का समाधान अब निकल आया है। मिशन अमृत 2.0 के तहत, राज्य सरकार ने खुड़िया जलाशय से इन तीन शहरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए 202.84 करोड़ रुपए की परियोजना मंजूर की है। यह योजना छत्तीसगढ़ की पहली ऐसी योजना होगी जिसमें तीन अलग-अलग नगरीय निकायों को एक साथ शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। इससे इन तीनों शहरों के कुल 17,000 परिवारों को लाभ मिलेगा और क्षेत्रवासियों की पेयजल संबंधी चिंताएं दूर होंगी।
यह योजना उप मुख्यमंत्री अरुण साव की पहल पर तैयार की गई है। उनके मार्गदर्शन में लोरमी, मुंगेली और तखतपुर के लिए रॉ-वाटर और लोरमी शहर के लिए जल शोधन एवं वितरण की व्यवस्था को मंजूरी मिली है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य इन शहरों के नागरिकों को 24×7 शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने इस परियोजना के बारे में बताया कि यह क्षेत्रवासियों की कई सालों से लंबित मांग थी, जिसे अब पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह योजना लोरमी, मुंगेली और तखतपुर के लिए मील का पत्थर साबित होगी। शुद्ध पेयजल हर नागरिक का अधिकार है, और इस योजना से यह अधिकार इन शहरों के लोगों तक पहुंचेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मिशन अमृत 2.0 योजना के तहत यह परियोजना स्वीकृत की गई है, जो अब इन शहरों में पानी की समस्या का स्थायी समाधान करेगी।
परियोजना के तहत, खुड़िया जलाशय से पानी की आपूर्ति के लिए 75 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। लोरमी में 8.5 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) क्षमता का जल शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही, लोरमी शहर में शुद्ध पेयजल के वितरण के लिए 80 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन भी बिछाई जाएगी। इसके अलावा, तीन नए उच्च स्तरीय जलागार (Reservoirs) बनाए जाएंगे, जिनसे जल को एकत्रित किया जाएगा।
पानी को लाने और वितरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की मशीनरी का उपयोग नहीं किया जाएगा, बल्कि पानी गुरूत्वाकर्षण पद्धति से तीनों शहरों तक पहुंचेगा। इस पद्धति से ऊर्जा की खपत कम होगी, और इससे बिजली बिलों में भी कमी आएगी। यह प्रक्रिया न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी होगी, बल्कि इसका पर्यावरणीय प्रभाव भी सकारात्मक होगा।
इस पूरे जल वितरण कार्य की निगरानी अत्याधुनिक स्कॉडा पद्धति (SCADA system) से की जाएगी, जिससे जल आपूर्ति की स्थिति पर सटीक और वास्तविक समय में नजर रखी जा सकेगी। इस प्रणाली के जरिए पानी की गुणवत्ता और वितरण प्रक्रिया की मॉनीटरिंग की जाएगी।
इस परियोजना के अंतर्गत लोरमी, मुंगेली और तखतपुर के नागरिकों को शुद्ध पेयजल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम होंगी। साथ ही, पानी की खोज के लिए लंबी दूरी तय करने के कारण ग्रामीणों की समय और श्रम की बचत होगी, जिससे उनकी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएगा।
यह योजना क्षेत्रवासियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जो उनकी पेयजल संबंधी समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ और सुविधाजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगी। इस परियोजना का कार्यान्वयन क्षेत्रीय विकास और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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