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अधूरी उम्मीदें: कोरबा के ऐतिहासिक ग्राम मातीन में विकास के नाम पर अधूरे कार्यों की कहानी, शासन के उपेक्षा का शिकार

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कोरबा छत्तीसगढ़


By ACGN 7647981711


कोरबा: कोरबा जिले के पौड़ी उपरोड़ा विकासखंड के  दूरस्थ वनांचल ग्राम पंचायत मतीन, जहां मातीन दाई माता का ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल स्थित है, जो की विकास की अधूरी कहानियों का प्रतीक बन गया है।

बता दें यह क्षेत्र, जो हर साल चैत्र नवरात्रि पर हजारों श्रद्धालुओं का स्वागत करता है, विकास कार्यों की अनदेखी और शासन-प्रशासन की लापरवाही का गवाह बन चुका है।

10 साल से अधूरा फायर वॉच टावर

मतीन के जंगलों की सुरक्षा के लिए बनाए गए वन विभाग के फायर वॉच टावर का निर्माण पिछले 10 वर्षों से अधूरा है। यह टावर न केवल अपने उद्देश्य में विफल है, बल्कि अब समाजिक तत्वों के कब्जे में नजर आता है। वन विभाग और शासन की अनदेखी के कारण यह संरचना अपने पूर्ण होने की प्रतीक्षा में खड़ी है।

सामुदायिक भवन भी अधूरा

वर्ष 2020-21 में खनिज न्यास निधि से सामुदायिक भवन का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन यह भी बिना खिड़की-दरवाजे के अधूरा खड़ा है। श्रद्धालुओं और देवी दर्शन के लिए आने वाले लोगों को यह अधूरा भवन व्यवस्थाओं की कमी की कहानी सुनाता है। शासन की अनदेखी ने इस परियोजना को एक और असफलता का प्रतीक बना दिया है।

मंदिर तक जाने वाली सीढ़ियों का अधूरा निर्माण

वर्ष 2024 में मां तीन के मंदिर तक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पहाड़ी सीढ़ियों के निर्माण की शुरुआत हुई। पूर्व विधायक रामदयाल उईके ने इस कार्य का उद्घाटन किया था। लेकिन, कुछ हिस्से की कटिंग के बाद यह कार्य भी ठप पड़ गया। मंदिर तक पहुंचने की यह अधूरी सीढ़ी न केवल श्रद्धालुओं की कठिनाई बढ़ा रही है, बल्कि प्रशासन की कार्यकुशलता पर भी सवाल खड़े कर रही है।

शासन-प्रशासन की अनदेखी और भ्रष्टाचार का आरोप

जहां एक ओर शासन विकास कार्यों में तेजी लाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर पुराने अधूरे निर्माण कार्य उसकी नीतियों और प्रशासनिक भ्रष्टाचार की पोल खोलते हैं। आखिर क्यों नई योजनाओं के लिए फंड आवंटित किए जाते हैं, जबकि पुराने काम आज भी अधूरे पड़े हैं?

ग्रामीणों की शिकायत

ग्रामवासियों का कहना है कि वनांचल क्षेत्र में स्थित मातीन दाई का मंदिर एक प्राचीन और पवित्र धार्मिक स्थल है, जहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं। इस धार्मिक स्थल की महिमा को देखते हुए यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भवनों का निर्माण किया गया था, लेकिन अफसोस है कि इन भवनों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। यह अधूरापन शासन और प्रशासन की अनदेखी और क्षेत्र की उपेक्षा को दर्शाता है।

साथ ही, वन विभाग द्वारा बनाए गए फायर वॉच की स्थिति भी चिंताजनक है। यह फायर वॉच भवन अब एक धार्मिक स्थल की मर्यादा को ठेस पहुंचाता हुआ सामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। यहां लोग आकर शराब और मांस का सेवन करते हैं, जिससे इस पवित्र स्थल की धार्मिकता पर असर पड़ रहा है।

फायर वॉच की संरचना भी बहुत कमजोर है। कई जगहों से यह भवन दरारों और क्रैक से घिर चुका है, जिससे कभी भी दुर्घटना का खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसके बावजूद शासन द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

यह सब हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर क्यों शासन और संबंधित विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं? भ्रष्टाचार और मिलीभगत की कहानी साफ तौर पर सामने आ रही है, जहां ठेकेदारों द्वारा अधिकारियों से मिलकर अधूरे कामों का पूरा भुगतान लिया जाता है, जबकि वास्तविक कार्य कभी पूरा नहीं होता।

हम शासन से निवेदन करते हैं कि इस समस्या को गंभीरता से लेकर शीघ्र समाधान करें ताकि इस पवित्र धार्मिक स्थल की मर्यादा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

मातीन के ये अधूरे कार्य न केवल श्रद्धालुओं के लिए असुविधा का कारण बन रहे हैं, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। शासन और प्रशासन को चाहिए कि वे इन अधूरी परियोजनाओं पर ध्यान दें और इन्हें जल्द से जल्द पूरा करें, ताकि क्षेत्र की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को बनाए रखा जा सके।

यह अधूरी कहानी मतीन के विकास कार्यों की दुर्दशा को उजागर करती है और शासन-प्रशासन से जवाबदेही की मांग करती है।

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