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“साइबर अपराध पर अंकुश की पहल: बिलासपुर रेंज में साइबर कार्यशाला का आयोजन”

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बिलासपुर छत्तीसगढ़


By ACGN 7347981711


बिलासपुर, 16 दिसंबर 2024। डिजिटल युग में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देशन में चेतना भवन, रक्षित केंद्र, बिलासपुर में एक दिवसीय रेंज स्तरीय साइबर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य थाना स्तर पर साइबर अपराधों से निपटने के लिए विषय विशेषज्ञ तैयार करना था, जो पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान कर सकें।

कार्यशाला में रेंज के आठ जिलों से चुने गए 122 प्रधान आरक्षक और आरक्षकों ने भाग लिया। प्रशिक्षण सत्र में JCCT, JIMS (समन्वय पोर्टल), CEIR, NCCRP और ICJS जैसे महत्वपूर्ण साइबर पोर्टल्स की जानकारी दी गई और उनकी उपयोगिता को विस्तार से समझाया गया। इन पोर्टल्स के माध्यम से साइबर अपराधों की प्राथमिक जांच और पीड़ितों की सहायता कैसे की जा सकती है, इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।

पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराध परंपरागत अपराधों से अधिक चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। डिजिटल लेन-देन, क्रिप्टोकरेंसी, और डिजिटल अरेस्ट जैसे नए-नए अपराधों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, हर थाने में साइबर विशेषज्ञ होना अनिवार्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि थाना स्तर पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों को साइबर नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी निभानी होगी।

इस कार्यशाला में जोनल पुलिस अधीक्षक (विशेष शाखा) श्रीमती दीपमाला कश्यप, प्रशिक्षु आईपीएस श्री सुमित कुमार, और साइबर विशेषज्ञ विक्कू सिंह, चिरंजीव कुमार, विकास राम, और शिरीष तिवारी ने प्रशिक्षणार्थियों को साइबर अपराधों की रोकथाम और पीड़ितों की सहायता के तरीकों से अवगत कराया।

प्रशिक्षण में शामिल कर्मचारी बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और सक्ती जिलों से आए थे। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को साइबर अपराधों से जुड़े तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी दिया गया।

प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया और एक परीक्षा आयोजित की गई। प्रशिक्षुओं ने कार्यशाला को बेहद उपयोगी बताते हुए इसे साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर माना।

साइबर कार्यशाला का उद्देश्य:
यह प्रशिक्षण सत्र, साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए, पुलिस बल को आधुनिक तकनीकी उपकरणों और ज्ञान से लैस करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। थाना स्तर पर प्रशिक्षित साइबर विशेषज्ञों की मौजूदगी न केवल पीड़ितों को राहत प्रदान करेगी, बल्कि साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण में भी सहायक होगी।

इस तरह की कार्यशालाएं भविष्य में भी आयोजित की जाएंगी ताकि हर पुलिसकर्मी को साइबर सुरक्षा की बेसिक जानकारी हो और वे अपराधियों के नए-नए तरीकों से निपटने में सक्षम हो सकें।

 

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