नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7647981711 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , कोरबा: नल-जल योजना बनी अधूरी उम्मीद, लापरवाही का शिकार ग्रामीण – Anjor Chhattisgarh News

Anjor Chhattisgarh News

सच की तह तक

कोरबा: नल-जल योजना बनी अधूरी उम्मीद, लापरवाही का शिकार ग्रामीण

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

कोरबा: छत्तीसगढ़


By ACGN 7647981711


कोरबा/कटघोरा: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना, जिसका उद्देश्य हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना था, कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों में अधूरी उम्मीद बनकर रह गई है। कटघोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत विजयपुर में उच्च जलागार (ओवरहेड टैंक) का निर्माण कार्य वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे ग्रामीणों की उम्मीदों को बड़ा धक्का लगा है। यह परियोजना सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करती है और लापरवाही की शिकार बन चुकी है।

निर्माण एजेंसियों की लापरवाही का असर

सरकार ने नल-जल योजना के लिए जिम्मेदारी अनुभवी एजेंसियों को सौंपी थी, लेकिन इन एजेंसियों ने काम को अनुभवहीन ठेकेदारों के हाथों में सौंप दिया। ग्राम विजयपुर में जलागार का निर्माण अधूरी पाइपलाइन, बिना बोरिंग और अधूरे जलागार के कारण अधूरा पड़ा हुआ है। परिणामस्वरूप, यह परियोजना ग्रामीणों के लिए केवल एक सपना बनकर रह गई है।

कागजों में कार्य चालू, हकीकत में अधूरा

स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दस्तावेजों में नल जल योजना कार्य तेजी से सुचारू रूप से चल रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। कई महीनों से पाइपलाइन का आधा हिस्सा बिछाया भी नहीं गया है और जलापूर्ति बंद पड़ी है। इसके अलावा, अधूरे जलागार के कारण भविष्य में यह ग्रामीणों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है,

ग्रामीणों की अनसुनी समस्याएं

ग्रामीणों का कहना है कि अधूरी पाइपलाइन और जलागार की संरचनाओं के कारण वे स्वच्छ पेयजल से वंचित हैं। बाउंड्री वॉल की अनुपस्थिति के कारण जलागार की सुरक्षा भी खतरे में है। उन्हें उम्मीद थी कि इस योजना से उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा, लेकिन अब यह योजना सरकारी लापरवाही का शिकार होकर असफल हो चुकी है।

प्रशासन और विभाग की उदासीनता

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की उदासीनता ने इस योजना को असफल बना दिया है। सरकारी भूमिपूजन और घोषणाओं के बावजूद, योजनाएं कागजों तक सीमित रह गई हैं। विजयपुर का अधूरा जलागार न केवल ग्रामीणों के लिए निराशा का कारण बना है, बल्कि यह सरकारी लापरवाही का भी जीवित उदाहरण है।

ग्रामीणों ने कहा कि लापरवाह ठेकेदारों पर कड़ी पेनल्टी लगाई जाए और ठेकेदारों को कार्य पूरा करने के लिए सख्त निर्देश दिए जाएं। इसके अलावा, विभागीय अधिकारियों को निर्माण कार्य का गहन मूल्यांकन करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि कार्य समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा हो।

अधूरा जलागार बना खतरा

अधूरा जलागार अब ग्रामीणों के लिए एक खतरा बन चुका है। जलागार की सीढ़ियां और अन्य संरचनाएं अधूरी होने के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है। इस स्थिति में विभाग को तुरंत इस ओर ध्यान देना चाहिए और ठेकेदारों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।

भारत भवन की स्थिति

इसी क्षेत्र में जलागार के बगल में स्थित भारत भवन भी वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है। इस भवन के कायाकल्प की बात भी लंबे समय से हो रही है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। ग्राम पंचायत के सरपंच विश्राम सिंह ने बताया कि यह कार्य उनके कार्यकाल के दौरान शुरू नहीं हुआ था। यह लगभग 2011-12 में शुरू हुआ था, और इसकी जानकारी तब के सरपंच के पास होगी। सरपंच ने कहा कि उन्हें इस कार्य का भुगतान पूर्ण होने या न होने की जानकारी नहीं है।

कोरबा जिले में उच्च जलागार की सुरक्षा में लापरवाही: ग्रामीणों और बच्चों के लिए खतरा

कोरबा जिले के कई ग्राम पंचायतों में बनाए जा रहे उच्च जलागार (ओवरहेड टैंक) की सुरक्षा के लिए बनाई जाने वाली बाउंड्री वॉल अब तक नहीं बन पाई है। कई स्थानों पर तो स्कूल के नजदीक जलागार बनाए गए है

जलागार की बाउंड्री, सीढ़ियां और संरचनाएं अधूरी हैं, जिससे यह क्षेत्र बच्चों और ग्रामीणों के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है। जलागार की ऊँचाई के कारण बच्चे अक्सर इसकी सीढ़ियों पर चढ़ने की कोशिश करते हैं, जो कि बहुत ही खतरनाक हो सकता है। बिना बाउंड्री वॉल के जलागार की संरचना खुली हुई है, जिससे कोई भी अप्रत्याशित घटना घट सकती है। खासकर बच्चों के लिए यह खतरे से खाली नहीं है, क्योंकि वे खेल-खेल में जलागार के पास पहुंच सकते हैं और दुर्घटनाओं का शिकार हो सकते हैं।

सरकार और संबंधित विभाग को इस गंभीर समस्या का शीघ्र समाधान करना चाहिए और जलागार की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। बाउंड्री वॉल का निर्माण न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह जलागार की संरचना को भी सुरक्षित बनाएगा और स्थानीय लोगों को असुरक्षित महसूस करने से रोकेगा।

नल-जल योजना को हकीकत बनाने के लिए शासन और प्रशासन को जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का सपना पूरा हो सके।

 

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now