नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7647981711 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , सूखे पेड़ों की चुप्पी, विभागों की लापरवाही – कोरबा के खतरनाक इलाकों में काली घटाओं का साया – Anjor Chhattisgarh News

Anjor Chhattisgarh News

सच की तह तक

सूखे पेड़ों की चुप्पी, विभागों की लापरवाही – कोरबा के खतरनाक इलाकों में काली घटाओं का साया

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

कोरबा छत्तीसगढ़


By ACGN 7647981711


सड़क किनारे सूखे पेड़ों का खतरा, विभागों की लापरवाही से क्षेत्र हो सकता है अंधेरे में, जनता की सुरक्षा को गंभीर खतरा

कोरबा जिले के नीलांबरी चौक से रिसदी चौक तक और रिंग रोड के किनारे सूखे पेड़ खड़े हैं, जो भविष्य में न केवल जान-माल का खतरा पैदा कर सकते हैं, बल्कि पूरे इलाके को अंधेरे में डुबो भी सकते हैं। इन पेड़ों के गिरने से उत्पन्न होने वाले संकट से पूरा क्षेत्र प्रभावित हो सकता है, खासकर जब आसपास औद्योगिक गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं और इस मार्ग से हाई टेंशन बिजली की लाइन गुजर रही है। इस मार्ग पर छोटे-बड़े कार्यालय, जिला जेल, जिला चिकित्सालय, ट्रामा सेंटर और मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनकी सुरक्षा के लिए इस खतरे का जल्द समाधान आवश्यक है।

इन सूखे पेड़ों का हाल यह है कि आंधी, तूफान या हल्की हवा से भी ये पेड़ टूट सकते हैं और हाई टेंशन लाइन पर गिरने से बिजली का संकट पैदा कर सकते हैं। इससे न केवल बिजली आपूर्ति बाधित होगी, बल्कि कई उद्योग, मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय भी प्रभावित हो सकते हैं। विशेष रूप से, यदि यह पेड़ गिरते हैं तो इनकी गिरावट से जान-माल का नुकसान होना निश्चित है। इनकी चपेट में कोई भी नागरिक, डॉक्टर, मरीज या कर्मचारी आ सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।

इतनी गंभीर स्थिति के बावजूद, बिजली विभाग और वन विभाग की लापरवाही साफ तौर पर सामने आ रही है। इन विभागों ने इन पेड़ों के गिरने से उत्पन्न होने वाले खतरे को न तो पहचाना है, न ही इन पेड़ों की काटने या स्थानांतरित करने की कोई कार्रवाई की है। जिला प्रशासन भी इस पर खामोश है और इस खतरे की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। विशेष रूप से, कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर के बगल में भी सूखे पेड़ लगे हुए हैं, जो कि बिजली के आपूर्ति प्रणाली के लिए और अधिक खतरनाक साबित हो सकते हैं।

यदि ये पेड़ हाई टेंशन लाइन पर गिरते हैं, तो पूरे इलाके की बिजली आपूर्ति लगभग दो दिनों तक ठप हो सकती है, जिससे उद्योग, व्यापार और चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा, इन पेड़ों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं में नागरिकों की जान भी जा सकती है, जिससे शासन और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठते हैं।

यह स्पष्ट है कि विभागों की लापरवाही के कारण यह क्षेत्र धीरे-धीरे एक बड़े खतरे की ओर बढ़ रहा है। जनता की सुरक्षा और इलाके की समृद्धि को ध्यान में रखते हुए, बिजली विभाग, वन विभाग और जिला प्रशासन को शीघ्र और ठोस कदम उठाने चाहिए। इन पेड़ों को काटकर या सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करके ही इस खतरे से निजात पाया जा सकता है। अगर विभागों की यह लापरवाही इसी तरह जारी रही, तो भविष्य में एक बड़ी दुर्घटना हो सकती है, और इसके जिम्मेदार विभाग होंगे।

 

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now