थाना बलौदा के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक गोपाल सतपथी की प्रभावी विवेचना से नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल का सश्रम कारावास, बलौदा पुलिस की उत्कृष्ट कार्रवाई
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बिलासपुर छत्तीसगढ़
By ACGN 7647981711
अपर सत्र न्यायाधीश जांजगीर ने सुनाया कड़ा फैसला।
पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) ने विवेचक की प्रशंसा की।
मामले का विवरण:
थाना बलौदा, जिला जांजगीर-चांपा में दिनांक 11.01.2023 को एक नाबालिग लड़की के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक गोपाल सतपथी ने सायबर सेल और मुखबिर की सहायता से नाबालिग के जम्मू-कश्मीर में होने का पता लगाया। सहायक उपनिरीक्षक कृष्णपाल कंवर, प्रआर. गजाधर पाटनवार और महिला आरक्षक करूणा खैरवार की टीम को जम्मू-कश्मीर भेजकर सतावरी रोड से अपहृत नाबालिग को आरोपी दिनेश कुमार निर्मलकर के कब्जे से बरामद किया गया।
जांच में पीड़िता और परिजनों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय का निर्णय:
अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) श्री अनिल कुमार बारा ने आरोपी दिनेश कुमार निर्मलकर को निम्न सजा सुनाई:
धारा 363 भादवि: 5 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 जुर्माना।
धारा 366क भादवि: 5 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 जुर्माना।
धारा 376(2)(एन) भादवि: 10 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 जुर्माना।
पॉक्सो एक्ट, धारा 6: 20 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 जुर्माना।
उत्कृष्ट विवेचना पर प्रशंसा:
इस मामले में पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह (भा.पु.से.) ने तत्कालीन थाना प्रभारी गोपाल सतपथी और उनकी टीम की सराहना की। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक चंद्र प्रताप सिंह ने पैरवी की।
बलौदा पुलिस की इस कार्रवाई ने समाज में कानून का सख्त संदेश दिया है कि नाबालिगों के खिलाफ अपराध करने वालों को सख्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
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