बिलासपुर पुलिस ने नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया
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बिलासपुर छत्तीसगढ़
By ACGN 7647981711
बिलासपुर पुलिस ने एक बड़े ठगी के रैकेट का पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो बेरोजगार युवकों से नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर रहे थे। आरोपियों द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों से बेरोजगार युवाओं को पीडब्लूडी, पुलिस विभाग, जेल विभाग, पीएचई विभाग, वन विभाग और शिक्षा विभाग जैसी सरकारी नौकरियों में भर्ती कराने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे गए।
मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी और उसके सहयोगियों ने मिलकर ठगी की इस वारदात को अंजाम दिया। इसमें तथाकथित पत्रकार गुरुशंकर दिव्य, सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर चौहान और अन्य आरोपी शामिल थे। आरोपियों ने युवकों से ठगी की और फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए, ताकि वे धोखा देकर पैसा ले सकें।
सिविल लाइन थाना में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और संगठित अपराध के तहत 4 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने कुछ घंटों में ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनसे पूछताछ जारी है। आरोपियों से 13 लाख रुपये की नगदी, एक इनोवा कार जिसकी कीमत लगभग 20 लाख रुपये है, और बैंक अकाउंट में 3 लाख रुपये की राशि भी जब्त की गई है। इसके अलावा, 7 मोबाइल फोन और फर्जी नियुक्ति पत्र तथा सेवा पुस्तिकाएं भी बरामद की गई हैं।
आरोपियों के नाम:
1. कपिल गोस्वामी उर्फ कपिलेश्वर (मुख्य आरोपी) – निवासी: अकलतरा, जिला: जांजगीर चांपा
2. गुरुशंकर दिव्य (तथाकथित पत्रकार)
3. राजेंद्र पलांगे – निवासी: जैजेपुर, जिला: शक्ति
4. पुरुषोत्तम तिवारी – निवासी: उस्लापुर, जिला: बिलासपुर
जप्त संपत्ति:13 लाख रुपये नगदी,एक इनोवा कार,बैंक अकाउंट में 3 लाख रुपये,7 मोबाइल फोन,फर्जी नियुक्ति पत्र और सेवा पुस्तिका
सिविल लाइन पुलिस को सूचना मिली थी कि कपिल गोस्वामी और उसके साथी बेरोजगार युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर उनसे पैसे ठग रहे हैं। इस सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने जांच के दौरान शिकायतकर्ताओं से संपर्क किया, जिन्होंने कपिल गोस्वामी और उसके सहयोगियों को लगभग 22 लाख रुपये दिए थे। इस आधार पर धोखाधड़ी, कूटरचना और संगठित अपराध के तहत 4 मामले दर्ज किए गए।
पुलिस ने आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए रेड कार्यवाही की और उन्हें हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ की। आरोपियों के पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, सेवा पुस्तिका, सरकारी विभागों की सील और जेल प्रहरी की वर्दी भी बरामद की गई।
ठगी का तरीका:
कपिल गोस्वामी और उसके साथी बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी का झांसा देते थे। वे उन्हें यह विश्वास दिलाते थे कि उनके पास सभी शासकीय विभागों में संपर्क हैं। आरोपियों ने युवकों को महंगी गाड़ियों में घूमने और शाही जीवन शैली का दिखावा किया, जिससे उन्होंने अपनी नौकरी के सपने को पूरा करने के लिए भारी रकम एकत्रित की। इस दौरान उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र और अन्य दस्तावेज दिए गए।
आरोपी कपिल गोस्वामी, जो पहले भी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में जेल जा चुका है, इस बार भी शातिर तरीके से धोखाधड़ी कर रहा था। पूछताछ में यह बात सामने आई कि आरोपियों ने रायपुर, बिलासपुर, सक्ती, बलौदा बाजार और जांजगीर चांपा जिले के 25-30 युवकों से ठगी की थी।
पुलिस की अपील:
बिलासपुर पुलिस आम जनता से अपील करती है कि वे ऐसे ठगों से सतर्क रहें और अगर किसी व्यक्ति द्वारा नौकरी लगाने के नाम पर पैसे की मांग की जाए तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
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