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रायपुर AIIMS में रैगिंग का बड़ा मामला: जूनियर स्टूडेंट्स के साथ दुर्व्यवहार, प्रशासन की भूमिका पर सवाल

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रायपुर छत्तीसगढ़


By Pradeep Mishra 7647981711


रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में रैगिंग का गंभीर मामला सामने आया है। MBBS 2023 बैच के जूनियर छात्रों ने आरोप लगाया है कि सीनियर छात्रों ने उन्हें मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी। घटना 15-16 नवंबर 2024 की रात की बताई जा रही है, जब ओरियाना फेस्ट के दौरान छात्रों को रात 12 बजे एक कमरे में बंद कर प्रताड़ित किया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायत में, लड़के और लड़कियों को अलग-अलग बुलाकर बंद कमरों में रखा गया। खिड़की-दरवाजे बंद कर पंखे भी बंद कर दिए गए, जिससे दम घुटने जैसी स्थिति पैदा हो गई। कई लड़कियां बेसुध होकर गिर पड़ीं। इस दौरान सीनियर छात्रों ने गालियां दीं और धमकियां भी दीं। रात करीब 2 बजे सभी छात्रों को बास्केटबॉल ग्राउंड ले जाया गया, जहां उन्हें कड़ाके की ठंड में केवल फेस्ट की टी-शर्ट पहनकर खड़ा किया गया।

सुप्रीम कोर्ट की वकील और SAVE NGO की लीगल हेड मीरा कौर पटेल को इस मामले की जानकारी एक अज्ञात छात्र ने ई-मेल के जरिए दी। इस मेल में छात्रों ने बताया कि सीनियर छात्रों ने उनके मोबाइल फोन जब्त कर टेबल पर रखवा दिए और चेहरे के बाल ट्रिमर से हटाने की धमकी दी। यह प्रताड़ना रात करीब 3:30 बजे तक चली।

पीड़ित छात्रों ने कहा कि इस घटना ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया है। उन्होंने एंटी रैगिंग हेल्पलाइन और AIIMS प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई होती नहीं दिखी। वकील मीरा पटेल ने बताया कि रैगिंग एक संज्ञेय अपराध है, जिसमें बिना वारंट गिरफ्तारी की जा सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियमों के अनुसार, ऐसी घटनाओं में 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए थी, लेकिन AIIMS प्रशासन ने ऐसा नहीं किया।

मीरा पटेल ने चेतावनी दी कि यदि प्रबंधन ने उचित कार्रवाई नहीं की तो AIIMS के निदेशक के खिलाफ भी बीएनएस अधिनियम की धारा 211 और 239 के तहत शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

AIIMS के असिस्टेंट PRO डॉ. लक्ष्मीकांत चौधरी ने कहा कि प्रबंधन को ऐसी शिकायतें मिली हैं, लेकिन जब छात्रों से बात की गई, तो उन्होंने किसी भी घटना से इनकार किया। हालांकि, जांच जारी है।

रैगिंग की यह घटना 14 से 17 नवंबर 2024 तक आयोजित ओरियाना फेस्ट के दौरान हुई। इस फेस्ट में देशभर से कई छात्र शामिल हुए थे।

यह मामला न केवल छात्रों की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता को भी उजागर करता है। इससे पहले भी रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले सामने आए थे। अब AIIMS में ऐसी घटना का होना शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन और सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।

 

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