फ्लोरा मैक्स कंपनी के खिलाफ महिलाओं का हल्लाबोल, 100 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप
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कोरबा छत्तीसगढ़
By Pradeep Mishra 7647981711
कोरबा, 20 नवंबर 2024: फ्लोरा मैक्स कंपनी द्वारा कथित रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाओं के साथ किए गए 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला अब सबके सामने आ गया है। बुधवार को कोरबा जिले के बालको, बाकीमोंगरा, मानिकपुर, मुड़ापार, मोती सागरपारा और बुधवारी सहित नगर निगम क्षेत्र से सैकड़ों महिलाएं अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं।
महिलाओं ने फ्लोरा मैक्स कंपनी के संचालक अखिलेश सिंह और उनके सहयोगियों पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से साजिश रचकर धोखाधड़ी करने और महिलाओं की जमा राशि हड़पने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई करते हुए अपनी धनराशि वापस दिलाने की मांग की।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि फ्लोरा मैक्स कंपनी के संचालक अखिलेश सिंह ने खुद को कंपनी का मालिक बताते हुए महिलाओं को प्रधानमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत लाभ का प्रलोभन दिया। उन्होंने महिलाओं को विभिन्न व्यवसायों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और प्रति महिला 30,000 रुपये का निवेश करने को कहा।
जब कई महिलाओं ने इतनी बड़ी राशि निवेश करने में असमर्थता व्यक्त की, तो अखिलेश सिंह ने 10-10 महिलाओं के समूह बनाकर 40,000 महिलाओं को जोड़ा। उनके नाम पर विभिन्न बैंकों से ऋण लेकर व्यवसाय के लिए 40 दुकानें संचालित कराईं।
कंपनी ने महिलाओं को यह आश्वासन दिया कि ऋण की राशि का भुगतान कंपनी करेगी, और उन्हें हर महीने 2,700 रुपये की आय होगी। लेकिन ऋण की राशि लेने के बाद न तो कंपनी ने महिलाओं को उनकी आय दी और न ही बैंकों की किस्तें चुकाई।
कैसे हुई धोखाधड़ी?
बैंक ऋण का दुरुपयोग:
कंपनी ने प्रत्येक महिला को कई बैंकों से ऋण दिलाया गया। प्रत्येक बैंक से 40000/तक का ऋण दिलाया उसके बाद ऋण की राशि में से 30,000 रुपये फ्लोरा मैक्स कंपनी में जमा कराए गए। महिलाओं को 77,00 रुपये दिए गए, और 2,300 रुपये प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर कटौती कर ली गई। महिलाओं के पास कंपनी को दिए रकम की पावती भी दिखाया है
कंपनी ने किया दस्तावेजों पर कब्जा:
कंपनी ने महिलाओं के बैंक खातों की पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिए। और महिलाओं के नाम पर संचालित खातों का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी की।
कंपनी के एजेंटों की भूमिका:
फ्लोरा मैक्स के एजेंटों ने महिलाओं को लोन दिलाने और कंपनी में जोड़ने में मुख्य भूमिका निभाई।
महिलाओं के विरोध के दौरान ये एजेंट उन्हें शिकायत करने से रोकने की कोशिश करते दिखे।
महिलाओं की मांग और प्रशासन का रुख
कलेक्टर कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची महिलाएं रोती-बिलखती नजर आईं। और देर शाम तक पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बैठी रही,
इस दौरान कई महिलाएं छोटे बच्चों को लेकर शिकायत दर्ज कराने पहुंची। महिलाओं ने कहा कि या तो कंपनी उनका पैसा वापस करे या फिर बैंक उन्हें ऋण के लिए परेशान करना बंद करे।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने महिलाओं को आश्वासन दिया है कि उनकी शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में फ्लोरा मैक्स कंपनी और उससे जुड़े व्यक्तियों की गतिविधियों की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
बैंकों की भूमिका भी सवालों के घेरे में
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में HDFC सहित कई बैंक और माइक्रोफाइनेंस कंपनी चल रही है जो 8/10 महिलाओं को इकठ्ठा कर उन्हें 30000 से 1लाख तक लोन देकर प्रति सप्ताह उनसे वसूली करते है उनके एजेंटों द्वारा घर घर घूम कर वसूली की जाती है, यदि लोन लेने वाले महिलाओं के समूह की कोई भी महिला किश्त नहीं जमा कर पाती तो समूह की बाकी महिलाओं से उसकी भरपाई करवाया जाता है, यह खास कर बस्तियों और ग्रामों में चलाया जा रहा है, जिनके जाल में जल्दी लोन मिलने के लालच में मजदूर और गरीब महिलाएं फसती का रही है, और कर्ज तले दबी हुई है, अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे एक ही व्यक्ति को कई निजी बैंकों से ऋण मिल जाता है। इस पूरे मामले में बैंकों की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए।
आज फ्लोरा मैक्स कंपनी के खिलाफ सैकड़ों महिलाओं की शिकायत से बड़ा आर्थिक घोटाला सामने आया है। इस धोखाधड़ी ने न केवल महिलाओं के विश्वास को तोड़ा है, बल्कि उन्हें कर्ज के बोझ तले भी दबा दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन और पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और महिलाओं को न्याय दिलाने में कितना समय लगता है।
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