अमित शाह ने हैदराबाद मुक्ति दिवस पर फहराया तिरंगा, सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय हर वर्ष 17 सितंबर को तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाएगा
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By Pradeep Mishra
हैदराबाद
तेलंगाना की मुक्ति के 75 वर्ष पूरे गृह श्री अमित शाह ने सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय हर वर्ष 17 सितंबर को तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाएगा
हैदराबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन के बाद भी राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति के कारण ‘तेलंगाना मुक्ति दिवस’ मनाने से झिझकते हैं. शाह ने 17 सितंबर 1978 को पूर्ववर्ती निजाम शासन से क्षेत्र की आजादी और हैदराबाद राज्य के भारतीय संघ में विलय की याद में ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने के लिए आयोजित केंद्र के आधिकारिक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की. इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज तेलंगाना की मुक्ति के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं और अगर लौहपुरुष सरदार पटेल ना होते तो तेलंगाना को इतनी जल्दी मुक्ति नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि वे सरदार पटेल ही थे, जिन्होंने राष्ट्र सर्वप्रथम के सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए हैदराबाद पुलिस एक्शन की योजना बनाई और बिना रक्तपात के निज़ाम के रज़ाकारों की सेना को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था। श्री शाह ने कहा कि सरदार पटेल और के एम मुंशी की जोड़ी ने तेलंगाना के कर्नाटक के बीदर क्षेत्र और मराठवाड़ा के इस विशाल क्षेत्र को भारत के साथ जोड़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की मुक्ति के लिए स्वामी रामानंद तीर्थ, एम चिन्नारेड्डी, नरसिम्हा राव, शाइक बंदगी, के वी नरसिम्हा राव, विद्याधर गुरु, पंडित केशवराव कोरटकर, अनाभेरी प्रभाकरी राव, बद्दम येल्ला रेड्डी, रवि नारायण रेड्डी, बुरुगुला रामकृष्ण राव, कलोजी नारायण राव, दिगंबरराव बिंदु, वामनराव नाइक और वाघमारे जैसे अनगिनत लोगों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया था।
श्री अमित शाह ने कहा कि अभी हाल ही में देश ने अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया है और आज तेलंगाना मुक्ति दिवस है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ों की गुलामी से मुक्ति के बाद भी 399 दिनों तक यहां क्रूर निज़ाम का शासन रहा, वो 399 दिन इस क्षेत्र की जनता के लिए यातनाओं से भरे हुए रहे। श्री शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने जनता की भावनाओं को सम्मान देते हुए इस क्षेत्र को आज़ाद कराया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना मुक्ति आंदोलन में आर्य समाज, हिन्दू महासभा और ओस्मानिया यूनिवर्सिटी जैसे कई संगठनों ने योगदान दिया और बीदर क्षेत्र के किसानों और युवाओं के साथ मिलकर तेलंगाना मुक्ति आंदोलन को अंतिम रूप देने का काम हमारे लौहपुरुष सरदार पटेल ने किया था।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 75 सालों तक देश की किसी भी सरकार ने अपनी तुष्टिकरण की नीति के कारण इस महान दिन के बारे में हमारे युवाओं को जानकारी देने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 17 सितंबर, 2022 को तेलंगाना मुक्ति के 75 वर्ष पूरे होने पर नई परंपरा शुरू की, कि भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय हर वर्ष 17 सितंबर को तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाएगा। इसके ज़रिए महान शहीदों को श्रद्धांजलि देकर हमारी नई पीढ़ी को उस संघर्ष से परिचित कराया जाएगा। श्री शाह ने कहा कि इसके पीछे 3 उद्देश्य हैं- पहला, नई पीढ़ी को इस महान संघर्ष के बारे में बताकर देशभक्ति के संस्कार से सिचिंत करना, दूसरा, हैदराबाद मुक्ति के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देना, और, तीसरा, शहीदों द्वारा देखे गए भारत के निर्माण के स्वप्न को पूरा करने के लिए अपने आप को राष्ट्र को पुनर्समर्पित करना।
श्री अमित शाह ने कहा कि 400 दिनों के निज़ाम के शासन के दौरान यहां की जनता ने अपार यातनाएं सहन की थीं। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने कहा था कि गुलाम हैदराबाद भारत के पेट में कैंसर के समान है और ऑपरेशन के सिवा कोई उसका और रास्ता नहीं हो सकता और इसीलिए उन्होंने पुलिस एक्शन के माध्यम से हैदराबाद को स्वतंत्र करने का काम किया। उन्होंने कहा कि ये बड़े दुर्भाग्य की बात है तेलंगाना की स्थापना के बाद भी तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाने में वोट बैंक पॉलिटिक्स के कारण पिछली सरकारों ने संकोच किया। उन्होंने कहा कि जो अपने देश के इतिहास से मुंह मोड़ लेते हैं, देश की जनता उनसे मुंह मोड़ लेती है। श्री शाह ने कहा कि हमारे देश के इतिहास, शहीदों की शहादत और स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास पर गौरव करके ही हम इस देश और तेलंगाना को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि निज़ाम के क्रूर शासन ने यहां माफुसा और गैर माफुसा के बीच भेद पैदा किया था, सरदार पटेल ने उससे मुक्ति दिलाई थी। उन्होंने कहा कि निज़ाम के क्रूर शासन के कृत्यों से इस क्षेत्र को मुक्ति दिलाने का काम सरदार पटेल ने किया था। 10 अगस्त, 1948 को सरदार पटेल ने कहा था कि हैदराबाद समस्या के समाधान का एक ही रास्ता है, हैदराबाद का भारत में विलय। इसके बाद 17 सितंबर, 1948 को निज़ाम की सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने तेलंगाना, कल्याण कर्नाटक और मराठावाड़ा की जनता से कहा कि इस दिन की स्मृति, हमारे संघर्ष, शहीदों के बलिदान को हमें याद रखना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें और देश के विकास के प्रति अपने आप को समर्पित करें।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां सशस्त्र सीमा बल, इब्राहिमपटनम के पारिवारिक आवासों का वर्चुअल शिलान्यास हुआ है, जो एसएसबी में कार्यरत दक्षिण भारत के जवानों के परिवारों के लिए एक नई शुरूआत है। उन्होंने कहा कि आज यहां प्रसिद्ध पत्रकार और शहीद शोएबुल्लाह खान और रामजी गोंड की स्मृति में डाक टिकट भी जारी किए गए हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज हमारे प्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन है जिसे हम सेवा दिन के रूप में भी मनाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में गत 9 वर्षों से स्वतंत्रता सेनानियों की कल्पना वाले भारत का निर्माण हो रहा है। श्री शाह ने कहा कि 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में 11वें स्थान पर थी, वो आज मोदी जी के नेतृत्व में 5वें स्थान पर आ गई है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर चंद्रयान पहुंचाने वाला भारत, विश्व का चौथा देश बन गया है। जी-20 बैठक के माध्यम से भारत की संस्कृति, कला, खानपान, वेशभूषा और भाषाओं को विश्वप्रसिद्ध करने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कर इसे जी-21 बनाने का काम भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। श्री शाह ने कहा कि आतंकवाद, क्लाइमेट चेंज और अर्थव्यवस्था के बारे में मोदी जी का दृष्टिकोण समग्र विश्व के नेतृत्व ने आज स्वीकार किया है और ये वैश्विक एजेंडा के रूप में दिल्ली डिक्लेरेशन के माध्यम से प्रस्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की धरोहरों, जैसे, ओडिशा का कोणार्क मंदिर, नालंदा यूनिवर्सिटी और मधुबनी पेंटिंग आदि को पूरे विश्व के सामने रखने का काम जी-20 समिट ने किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक मान्यता मिली है और यूपीआई, बैंकिंग, आधार और मोबाइल टेक्नोलॉजी में भारत में आई क्रांति की प्रशंसा पूरी दुनिया के नेताओं ने की है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिन के अवसर पर केन्द्रीय समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांग जनों को मोटर से चलने वाली तिपहिया साइकल प्रदान करने के लिए एक शिविर भी आयोजित किया गया। इसमें केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सिकंदराबाद संसदीय क्षेत्र और हैदराबाद शहर के योग्य लाभार्थियों को कुल 173 तिपहिया साइकल प्रदान की।
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